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डीएम का बड़ा आदेश, सरकारी जमीन पर अवैध उत्खनन पर पौने 18 करोड़ का जुर्माना, क्रशर मशीन राजसात!

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खरगोन डीएम कर्मवीर शर्मा का बड़ा आदेश। सरकारी जमीन पर अवैध उत्खनन करने वाले क्रशर संचालक पर किया पौने 18 करोड़ का जुर्माना। क्रशर मशीन राजसात की। 30 दिन में जुर्माना ना भरने पर क्रशर संचालक को साढ़े 35 करोड़ का भरना पड़ेगा जुर्माना। 

खरगोन कलेक्टर कर्मवीर शर्मा ने सरकारी भूखंड पर अवैध उत्खनन करने वाले के खिलाफ एक बड़ा आदेश दिया है। 2019 में तत्कालीन जिला खनिज अधिकारी ज्ञानेश्वर तिवारी ने गोगावां तहसील के महूमांडली और अगरबाई गांव में सरकारी भूखंड पर अवैध उत्खनन करने पर जांच कराई थी। जांच कर रिपोर्ट खनिज इंस्पेक्टर प्रियंका अजनार ने प्रस्तुत की थी। प्रकरण को कलेक्टर न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। दोनों पक्षों को सुनने के बाद कलेक्टर न्यायालय ने करीब पौने 18 करोड़ का जुर्माना किया है। पट्टेदार गिट्टी क्रशर संचालक शरदचंद पिता नंदकिशोर जायसवाल द्वारा बड़े पैमाने पर अवैध उत्खनन किया जा रहा था। मामले को लेकर तत्कालीन खनिज अधिकारी तिवारी ने जायसवाल को कारण बताओ नोटिस जारी कर प्रकरण बनाया था। डीएम ने मामले में दोनों पक्षों की सुनवाई करने के बाद निर्णय दिया है। न्यायालय कलेक्टर खरगोन द्वारा मध्य प्रदेश खनिज अवैध खनन परिवहन तथा भंडारण निवारण नियम 2022 के नियम 18(6) के तहत अवैध उत्खनित खनिज गिट्टी पत्थर 49 हजार 353 घन मीटर की रॉयल्टी ₹120 प्रति घन मीटर के हिसाब से 59 लाख 22 हजार 360 रुपये है। इसका 15 गुना और पर्यावरण क्षतिपूर्ति राशि दोनों को मिलाकर 17 करोड़ 76 लाख 70 हजार 800 रुपये अधिरोपित की गई है। इसकी दुगनी राशि 35 करोड़ 53 लाख 41हजार 600 रुपये होती है। मशीन को राजसात करने के आदेश दिए गए हैं। कलेक्टर ने आदेश में कहा 30 दिन की अवधि में राशि जमा न करने की स्थिति में भू राजस्व बकाया राशि वसूली की कार्रवाई की जाएगी। 

डीएम ने कहा नियत समय पर जमा नहीं कराई तो 35 करोड़ वसूलेंगे-

कलेक्टर कर्मवीर शर्मा का कहना है अवैध उत्खनन को लेकर लगातार बड़ी कार्यवाही की जा रही है। इसके चलते गोगावां में कार्रवाई की गई थी। अवैध उत्खनन के मामले में जांच भी की गई थी। प्रकरण भी बनाया गया था। फाइनली शासन के नियम के अंतर्गत जुर्माना अधिरोपित किया गया है। पर्यावरणीय क्षति और उत्खनन दोनों को मिलाकर 17 करोड़ से अधिक का जुर्माना लगाया गया है। ये अगर नियत समय पर नहीं जमा कराया जाता है तो 35 करोड रुपए वसूले जाएंगे। इस तरह के कार्रवाई लगातार जारी रहेगी। क्रेशर मशीन का उपयोग किया गया था और जो मानक था उससे कई अधिक उत्खनन पाया गया। इस पर ये कार्रवाई की गई है। 

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