खरगोन जिले के पिपलझोपा में मोबाइल नेटवर्क नहीं मिलने से गुस्साएं ग्रामीणों ने बीएसएनएल अधिकारियों को बनाया बंधक। टावर के पास गेट पर लगाया ताला। आला अफसर के आश्वासन के बाद खोला ताला। फिर आश्वासन मिलने पर हुआ गुस्सा शांत।
खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 60 किलोमीटर दूर सुदूर आदिवासी अंचल पिपलझोपा में बीएसएनएल के सिग्नल नहीं मिलने ग्रामीण खासे परेशान थे। करीब एक साल से परेशान हो रहे लोगों के सब्र का बांध टूट गया। जब बीएसएनएल के कर्मचारी और कुछ अधिकारी पीपलझोपा में लगे बीएसएनल टावर के पास मशीनों को चेक करने पहुंचे तो गुस्साए ग्रामीणों ने बीएसएनएल के टावर के गेट पर ताला जड़ दिया। ग्रामीणों के मांग थी कि 12 महीने से टावर बना कर खड़ा कर दिया है पर उसे चालू 6 महीने पहले कर दिया पर सिंग्नल किसी-किसी के मोबाइल में आ रहे हैं। ग्रामीणों ने अधिकारियों को खरी खरी सुनाई आला अधिकारियों से बात करने और 10 दिन में समस्या का हल करने का आश्वासन मिलने के बाद मामला शांत हुआ।
बीएसएनएल के अधिकारी दीपेश राठौर का कहना है हमने साइड विजिट की है यहां ग्रामीणों में भारी आक्रोश देखने को मिला। ग्रामीणों का कहना है कुछ ही मोबाइल में नेटवर्क ठीक से आ रहा है। उनका कहना है बाकी के मोबाइल में भी नेटवर्क की सुविधा उपलब्ध कराई जाए। इस संबंध में आला अधिकारियों से बात की गई। भोपाल और इंदौर के अधिकारियों को समस्या बताई गई। उन्होंने कहा आगामी माह नवंबर के पहले सप्ताह में इस समस्या का हल कर दिया जाएगा।
उपभोक्ता मनीष जायसवाल का कहना है प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी द्वारा गांव में 4G बीएसएनल सुविधा उपलब्ध कराई गई है टावर तो यहां लगा दिया गया लेकिन हमारे मोबाइल में नेटवर्क ही नहीं आता इससे न तो बात हो पाती है ना ही हम कहीं पर कॉल कर पाते हैं टावर 1 साल पहले लगा दिया गया था और मोबाइल टावर को 6 माह पहले शुरू किया गया लेकिन हमारी समस्या हल नहीं हो रही है।