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खाना नहीं मिलने से नाराज सैकड़ों विद्यार्थी रात में हॉस्टल का आठ फ़ीट ऊंचा गेट फांदकर सड़क पर निकले

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खरगोन में आदर्श एकलव्य आवासीय स्कूल मेनगांव के सैकड़ो विद्यार्थियों का रोष फूटा। रात में हॉस्टल के आठ फ़ीट ऊंचे गेट को फांदकर स्टेट हाईवे पर पैदल निकले मासूम। सूचना मिलने पर मचा हड़कंप। कुछ किमी पहुंचने पर अधिकारियों ने समझाने का किया प्रयास। बच्चे कलेक्टर से मिलने पर अड़े। आखिर डीएम को खुद रात में सड़कों सड़क पर रैली के रूप में जा रहे बच्चों के पास पहुंचना पड़ा। बसों में बैठकर ले गए वापस। रात में होस्टल छोड़ पैदल निकले विद्यार्थी, कलेक्टर वापस ले गए। बच्चे भोजन और सुविधाओं की कमी को लेकर थे नाराज। रात में रैली निकाल कर प्राचार्य के विरोध में नारे लगाते हुए निकले गुस्साए बच्चे। 

खरगोन जिला मुख्यालय से मात्र 9 किलोमीटर दूर मेनगांव थाना क्षेत्र स्थित आदर्श एकलव्य आवासीय स्कूल के करीब 150 विद्यार्थी मूलभूत सुविधाओ के अभाव में रात में ही आठ फ़ीट ऊंचे गेट को फांदकर सड़क पर पैदल निकल लिए। वे होस्टल का गेट फांदकर होस्टल से लगभग 3 किमी तक पैदल आ गए। बच्चों के बाहर निकलने की सूचना मिलने पर मेनगांव थाना के पास से गुजरने पर आदिवासी विकास सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य और अन्य अधिकारियों ने समझाईश दी गई लेकिन छात्रों ने किसी की नहीं सुनी। सैकड़ों की संख्या में बच्चों के रात में बाहर निकालने की सूचना मिलने पर खरगोन  एसडीएम भास्कर गाचले, जनजाति कार्य विभाग के सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य, कोतवाली प्रभारी बीएल मंडलोई सहित पुलिसकर्मी उन्हें मनाने पहुंचे लेकिन उन्होंने किसी की न सुनी। वे कलेक्टर से ही मिलने पर अड़े रहे। समझाइश देने की कोशिश की गई लेकिन बच्चे नारेबाजी करते बढ़ रहे थे। कलेक्टर कर्मवीर शर्मा से मिलने की जिद की। अफसर ने कलेक्टर को सूचना दी इसके बाद कलेक्टर मेनगांव के पास कलेक्टर पहुंचे। उन्होंने बच्चों से कहा पहले छात्रावास चलते हैं। वहीं सभी की बात सुनेंगे। सभी की समस्या हल करने का भरोसा दिया। कलेक्टर को बच्चों ने भोजन, आवास में मिलने वाली सुविधाओं के अलावा शिक्षण में आ रही परेशानी बताई।

आदिवासी विकास विभाग सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य का कहना है कुछ बच्चे हॉस्टल छोड़कर बाहर निकले थे जैसे ही हमें सूचना मिली हम तत्काल वहां पहुंच गए थे। बच्चों से जब समस्या पूछी गई तो उन्होंने कहा स्कूल में जो हाउस सिस्टम बनाया गया है उससे उन्हें परेशानी हो रही है। शासन के निर्देश है कि हाउसेस बनाए जाएं। इसे लेकर बच्चों को आपत्ति थी इसी बात को लेकर उनकी नाराजगी थी। हमने अन्य व्यवस्थाएं भी अच्छी कलेक्टर साहब ने भी भोजन चैक किया और पानी की टंकी भी देखी। खाने की क्वालिटी अच्छी पाई गई। 

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