Sun. Jun 15th, 2025

ईमानदारी का इनाम…900 किमी दूर फेंका, जाएंगे हाईकोर्ट?

खरगोन। जिला सहकारी बैंक के एमडी पीएस धनवाल को ईमानदारी से काम करना और भ्रष्टाचारियों पर कार्रवाई करना भारी पड़ गया। उन्हें कर्तव्यनिष्ठ होने का इनाम 900 किमी दूर सीधी तबादले के रूप में मिला। उनका तबादला भी सेवानिवृत्ति के ठीक आठ माह पहले ही कर दिया गया जबकि उनके कार्यकाल में बैंक कई गुना मुनाफे में चल रही है। अवंती सूत मिल के भ्रष्टाचारी पूर्व एमडी राजेंद्र आचार्य को बर्खास्त कराने के मात्र 48 घंटे बाद ही एमडी श्री धनवाल पर स्थानांतरण की कार्य गिर गई। 

खरगोन जिले की सनावद स्थित अवंति सूत मिल को 62.50 करोड़ के लोन घोटाले में दोषी जिला सहकारी केंद्रीय बैंक खरगोन के तत्कालीन एमडी राजेंद्र आचार्य को बर्खास्त करने वाले एमडी पीएस धनवाल का 48 घंटे बाद सीधी ट्रांसफर कर दिया। श्री धनवाल सहकारिता विभाग के आदेश के खिलाफ हाईकोर्ट जाएंगे। उनके रिटायरमेंट में आठ माह बचे हैं। नियमानुसार दो साल से कम समय में किसी भी कर्मचारी का उसकी सहमति बगैर ट्रांसफर नहीं किया जा सकता। धनवाल  भोपाल में है। वे बदले की भावना से 900 किमी दूर किए एकपक्षीय ट्रांसफर आदेश के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट जाने की तैयारी कर रहे हैं। सनावद अवंती सूत मिल को 12 साल पहले कॉटन यार्न रिस्ट्रक्चरिंग योजना में 62.50 करोड़ का ऋण दिया गया, परन्तु जिला सहकारी बैंक के पास ऐसी कोई योजना ही नहीं थी। मिल पर यूनियन बैंक का एक करोड़ 82 लाख बकाया है, वह डिफॉल्टर थी। डिफॉल्टर किसानों को ऋण नहीं देने में सख्ती करने वाली बैंक ने उस नियम को तोड़ा। ऋण देने में मिल की जिस संपत्ति को गिरवी रखा गया। वह पूरी तरह से बेकार थी। उस पर इतनी बड़ी रकम जारी कर दी गई।

डीएम के आदेश पर की थी कार्यवाही-

कलेक्टर भव्या मित्तल ने लगभग ढाई माह पहले सहकारिता विभाग की एक बैठक ली थी। इसमें कई घोटालों की फाइल ठंडे बस्ते में पड़ी होने का मामला उनके सामने आया था। इसके बाद उन्होंने एमडी श्री धनवाल को आदेशित किया कि इनकी जांच कर वसूली की जाए। इसमें सबसे बड़ा घोटाला अवंति सूत मिल सनावद का सामने आया। इसमें तत्कालीन बैंक के पदाधिकारी-अफसरों ने मिलीभगत कर 62.50 करोड़ रुपए से अधिक का लोन देकर नियमों को ताक में रख दिया। इसमें महज दिखावे के लिए कुछ छोटे कर्मचारियों पर पुलिस केस दर्ज कराया। जिम्मेदारों को साफ तौर पर बचा लिया गया। संचालक मंडल में 28 दोषी भाजपा नेता और अफसरों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। मामले के 12 साल बाद वसूली के आदेश दिए गए।

अब न्यायालय पर ही भरोसा- 

मामले को लेकर जब एमडी श्री धनवाल से तबादले का कारण पूछा तो उन्होंने कहा मैंने पूरी निष्ठा और ईमानदारी से काम किया है। मेरा और पत्नी दोनों का स्वास्थ्य खराब रहता है। 8 माह बाद मेरा कार्यकाल पूरा हो जाएगा। आदेश के खिलाफ जबलपुर हाईकोर्ट जाऊंगा। इसके पहले बदले की भावना से ट्रांसफर किया। अब कोर्ट ही सहारा है। 

कांग्रेसियों के मुंह में क्यों जमा दही-

खरगोन में करोड़ों के गबन के मामले को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। छोटी-छोटी बातों पर भाजपा के खिलाफ मोर्चा खोलने वाली कांग्रेस इस करोड़ो के गबन के मामले में खामोश है, ये समझ से परे हैं। अब तक किसी ने इस बड़े मुद्दे पर मुंह नहीं खोला।  

Related Post