Fri. May 9th, 2025

1 100 करोड़ की योजना में हजारों किसानों से धोखा?

खरगोन। 1 100 करोड़ की झिरन्या माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना में हजारों किसानों से धोखा किया जा रहा है। एक मीटर की बजाय एक फ़ीट पर बिछा रहे माइक्रो नहर पाइप, किसानों के हल चलाने पर ही पाइप नष्ट होंगे। एनवीडीए एसडीओ ने कहा जहां शिकायत मिल रही, वहां करा रहे जांच। बरसों से सूखे की मार झेल रहे किसानों के खेतों की प्यास बुझाने का समय आया तो अधिकारियों की लापरवाही के कारण घटिया काम उजागर हुआ। क्या प्रभारी मंत्री विश्वास सारंग करेंगे कार्यवाही, या फिर ढांक के तीन पात?

खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 70 किलोमीटर दूर झिरन्या विकासखंड में लोग आजादी के बाद से सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी के लिए तरस रहे हैं। केवल बारिश की फैसले लेने वाले किसानों के लिए सरकार ने झिरनिया माइक्रो उद्वहन सिंचाई परियोजना करीब 1100 करोड़ की लागत से स्वीकृत की। नर्मदा घाटी विकास प्राधिकरण ने काम भी शुरू भी करा दिया लेकिन विभागीय लापरवाही और ठेकेदार के भ्रष्टाचार के कारण धरातल पर हो रहे काम में भारी गड़बड़ी की जा रही है। परियोजना के तहत खुदाई कर पाइप लाइन बिछाई जानी है। काम भी शुरू हो गया लेकिन झिरन्या विकासखंड के अंबाडोचर पावर हाउस से संबंधित ग्राम पंचायत गवला के खुशयाला फलियां सहित क्षेत्र में सिंचाई के लिए डिलीवरी पाइप मात्र एक फीट खुदाई कर बिछाई जा रहे हैं जबकि विभाग की नियमानुसार एक मीटर यानी करीब सवा तीन फीट खुदाई कर पाइप बिछाए जाने चाहिए। 

किसानों को नहीं दी सूचना-

गला के किसान महेश पटेल मनोज राठौर का कहना है उनके खेतों में पाइप लाइन डालने की कोई सूचना उन्हें नहीं दी गई। जब खेत में पहुंचे तो उन्होंने देखा ठेकेदार द्वारा मात्र एक फीट तक की खोदकर पाइप आनन फानन में पाइप बिछाए जा रहे हैं। किसानों ने कहा पाइप ऊपर रहेंगे तो खेती कार्य में दिक्कत होगी हल चलाने के समय ही पाइप लाइन उखड़ जाएगी या क्षतिग्रस्त हो जाएगी। 

ठेकेदार जगदीश गुप्ता ने काम दिया पेटी कॉन्ट्रेक्टरों को

किसानों ने बताया हमारा क्षेत्र सूखाग्रस्त है और हम केवल बारिश की फसल ले पा रहे थे। अब सिंचाई उद्वहन परियोजना से बड़ी उम्मीदें हैं लेकिन ठेकेदार ने अलग-अलग जगह पर पेटी कांट्रेक्टर्स को काम दे दिया है। इससे घटिया काम किया जा रहा है।

83 गांवों की 39520 हेक्टेयर कृषि भूमि होगी सिंचित– 

झिरन्या उद्वहन माइक्रो सिचाईं परियोजना से खरगोन जिले सहित खंडवा के 83 गांवों की 39 हजार 520 हेक्टेयर कृषि भूमि सिंचित होना है। योजना के संचालन के लिए चार पम्प हाउस दौडवा, भातलपुरा, अम्बाडोचर और झिरन्या बनाये गए हैं। ये परियोजना करीब 1086.81 करोड़ की है। 

क्या बोले जिम्मेदार अफसर-

मामले को लेकर विभाग के एसडीओ कल्याण खंगार का कहना है ठेकेदार द्वारा काम किया जा रहा है पाइप लाइन को एक मीटर नीचे दबने को कहा गया है। किसी जगह शिकायत मिलती है तो कार्यवाही की जाती है गवला में भी शिकायत मिली थी, उसे ठीक करा रहे हैं। नियमानुसार एक मीटर ही पाइप को नीचे गाड़ना है। हमारे द्वारा सतत निगरानी की जा रही है। यह बात सही है की मुख्य ठेकेदार 1 मी का ही पैसा काम कराने का देता है। सबलेटर को कंपनी और हम लोग भी हिदायत देते हैं। फिर भी अगर नजर चुराकर कहीं पर गड़बड़ी करते हैं तो उसे पर कार्रवाई की जाएगी। 

घटिया हो रहा काम-

खुशयाला के किसान बलदेव पटेल का कहना है इसमें खुदाई कम कर रहे है, ऊपर-ऊपर ही पाइप डाले जा रहे हैं। हमको हल बक्खर चलाने में हमको दिक्कत आएगी। गहराई करीब 3 फीट तक होना चाहिए। अच्छे से कम होना चाहिए और गहराई से पाइप गड़वाना चाहिए। अधिकारी कोई ध्यान नहीं दे रहा है ऊपर ऊपर ही काम हो रहा है। जेसीबी चला कर काम किया जा रहा है। घटिया काम हो रहा है। हम खेत में गए थे तब हमने देखा खेत में जो पाइप बिछाए जा रहे हैं वह ऊपर ऊपर ही है।

कैसे मिलेगा हमें पानी-

किसान मनोज राठौर का कहना है पाइप एक मीटर तक खुदाई करके पाइप बिछाई जाने चाहिए थे लेकिन एक डेढ़ से ठीक खुदाई कर पाइप डाले जा रहे हैं। इससे हल चलाने में दिक्कत आएगी टूट फूट होगी और हमें पानी नहीं मिलेगा। हमारा क्षेत्र सूखाग्रस्त है और बारिश के पानी पर ही निर्भर करते हैं। अगर ये पाइप लाइन फूट जाएगी तो फिर पानी कैसे मिलेगा।

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