खरगोन जिले के भगवानपुरा जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत रसगांगली में एक दशक पहले भूमि संरक्षण विभाग द्वारा पानी रोकने के लिए बनाए गई तलाई और चेक डैम की पाल को खतरा। प्रशासन को खबर नहीं और एनजीओ तोड़ रहा चेकडेम और खोल रहा तलाई की पाल। जेसीबी से हटाए भूमि संरक्षण विभाग के बने तालाबों के पिचिंग पत्थर, डीएम ने रुकवाया काम। सीईओ ने कहा काम रुकवाकर करा रहे जांच।
खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 35 किमी दूर भगवानपुरा जनपद पंचायत क्षेत्र की ग्राम पंचायत रसगांगली में भूमि संरक्षण विभाग द्वारा 10 से 15 साल पहले आदिवासी बहुल क्षेत्र के दो स्थानों पर पानी सहेजने के लिए एक बड़ी तलाई और चेक डैम बनाए गए थे। जनपद पंचायत जिला प्रशासन और ग्राम पंचायत कि बगैर सूचना और परमिशन के एक एनजीओ ने रसगांगली सलाय कुंडी फलिया में जाम के खेत के पास बड़ी तलाई की पाल से जेसीबी मशीन की सहायता से पिचिंग किए हुए पत्थर निकाल लिए। यही नहीं रसगांगली गांव के पास ही नदी पर स्थित पटेल फलिया में रामलिया के खेत के पास पक्के चेक डेम को जेसीबी की सहायता से तोड़कर नया निर्माण शुरू कर दिया। जबकि उक्त चेक डेम के ऊपर और नीचे की और महज 300 मीटर की दूरी पर दो चेकडेम पहले से बने हैं। एनजीओ ने ग्रामीणों की सूचना थी कि एनजीओ लोगों की सहायता के लिए तलाई और चेक डैम को मजबूत कर रहा है। वास्तविकता ये थी कि एनजीओ सीएसआर फंड से बगैर ग्राम पंचायत के ठहराव प्रस्ताव, जनपद पंचायत और जिला प्रशासन से अनुमति के सीधे पुराने स्ट्रक्चर्स को हटाकर नए निर्माण कर रहा था। नियमानुसार जिला प्रशासन और जनपद पंचायत की बगैर अनुमति के कोई भी तलाई, तालाब और चेक डैम की छेड़छाड़ नहीं की जा सकती है।
जैसे ही सूचना मिली काम रुकवाया-सीईओ
जनपद पंचायत भगवानपुरा के सीईओ पवन शाह का कहना है जैसे ही इसकी जानकारी हमारे संज्ञान में आई हमने जांच कराई है। वह जो स्ट्रक्चर बन रहा है वह पुराना स्वाइल कंजर्वेशन से पांच मीटर नीचे बनाया जा रहा है। नए स्ट्रक्चर बनाया जा रहा है और यह एसपीएस जो एनजीओ है, ये एनजीओ सीएसआर फंड से ग्राम विकास के लिए काम करते है। इनके द्वारा ग्राम सभा से कोई अनुमति नहीं ली गई है इनके द्वारा ग्रामीणों से मिलकर काम कराया जा रहा है। फिलहाल हमने काम रुकवा दिया है। पिचिंग के पत्थर निकल गए हैं, इसे लेकर सीईओ का कहना है ये टेक्निकल इशू है इस पर भी जांच की जा रही है।
हमें पता नहीं था, अनुमति लेना पड़ती है-
एसपीएस एनजीओ के लोकेशन इंचार्ज निखिलेश राठौर का कहना है हमने उसे तोड़ा नहीं है। जो चेक डैम बना हुआ है वह वैसा ही बना हुआ है हम उसके नीचे नया चेक डैम बना रहे हैं। इसकी हमने ग्राम पंचायत से और ग्रामीणों से सहमति ली है। जनपद पंचायत से अनुमति लेने के मामले में लोकेशन इंचार्ज का कहना है पूर्व कलेक्टर से उन्हें इस बात से अवगत कराया गया था। हमें इस बात की जानकारी नहीं थी कि जिला प्रशासन से अनुमति लेकर काम करना होता है। ग्राम पंचायत से हमने सहमति लेकर काम शुरू किया है। अनुमति को लेकर जनपद पंचायत सीईओ से हमारी कोई बातचीत नहीं हो पाई थी। कलेक्टर मैडम से हमारी आज ही बात हुई है क्योंकि पहले हमने इस तरह कोई अनुमति नहीं ली है।