खरगोन जिला मुख्यालय से मात्र 5 किमी की दूरी पर मोमिनपुरा प्राथमिक विद्यालय में दिनदहाड़े ताला डालकर शिक्षक नदारद हो गए। साल में चार शिक्षक पदस्थ हैं लेकिन मंगलवार को स्कूल का ताला ही नहीं खुला स्कूल लगना तो बहुत दूर के बात है।
सरकार बेहतर शिक्षा के लिए प्रयासरत है लेकिन जिला मुख्यालय के पास ही स्कूलों के हाल ये है कि दिन में ही शिक्षक स्कूल में ताला डालकर बगैर किसी सूचना के नदारद हो जाते हैं। मंगलवार की दोपहर करीब सवा बजे सामाजिक कार्यकर्ता रामेश्वर बडोले मोमिनपुरा स्कूल के सामने से निकले तो उन्हें स्कूल में ताला दिखाई दिया। इस पर उन्होंने आसपास के लोगों से पूछा, क्या आज छुट्टी है। आसपास के लोगों ने कहा पता नहीं आज स्कूल नहीं खुली। जब बीआरसी रणजीत आर्य को सूचना दी। बीआरसी और जनशिक्षक मुकेश चौहान ने उक्त शाला पहुंचकर देखा तो स्कूल में वास्तव में ताला डला था। पंचनामा बनाकर आदिवासी विकास विभाग सहायक आयुक्त को इसकी सूचना दी। उल्लेखनीय है इस स्कूल में चार महिला शिक्षिकाएं पदस्थ हैं। चंदन मंडलोई प्राथमिक शिक्षिका जो की खंडवा में B.Ed के लिए छुट्टी पर है। सहायक शिक्षिका वंदना मोडक माध्यमिक कन्या उच्चतर माध्यमिक विद्यालय क्रमांक 1 में अटैच हैं। प्राथमिक शिक्षिका बबीता गुप्ता और सहायक शिक्षिका संगीता बड़ोले भी इसी स्कूल में पदस्थ हैं।
दोपहर 1.35 पर ताला लगा मिला-
बीआरसी आर्य और जनशिक्षक चौहान ने स्कूल पहुंचकर पंचनामा तैयार किया। पंचनामा बनाने के बाद आदिवासी विकास विभाग सहायक आयुक्त प्रशांत आर्य को दिए पत्र में बीआरसी ने लिखा दोपहर 1:35 पर स्कूल में ताला लगा मिला जबकि यहां चार शिक्षक पदस्थ हैं। स्कूल में कोई बच्चा नहीं पाया गया। बीआरसी ने ठोस और अनुशासनात्मक कार्यवाही के लिए अनुरोध किया है।