खरगोन जिले के भीकनगांव में पुलिस दबिश देने पहुंची और हो गई व्यापारी की संदिग्ध मौत। परिजनों का आरोप, कहा पुलिस टार्चर से हुई मौत। परिजनों और ग्रामीणों ने किया चक्काजाम। थाने का किया घेराव। पुलिस पर मारपीट से मौत का आरोप। अवैध रूप से शराब और पटाखा बेचने की सूचना मिलने पर दबीश देने पहुंची थी पुलिस। एसपी ने थाना इंचार्ज सहित तीन पुलिसकर्मचारियो को लाइन अटैच किया है।
खरगोन जिला मुख्यालय से करीब 40 किमी दूर भीकनगांव थाना पुलिस को सूचना मिली कि साइखेड़ी में 45 वर्षीय किराणा व्यापारी सतीश कुलते की दुकान और घर पर अवैध रूप पटाखा और अवैध शराब बेची जा रही है। इस पर पुलिस दबिश देने पहुंची। इस दौरान व्यापारी बेहोश हो गया, उसे उपचार के लिए सरकारी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी मौत हो गई। संदिग्ध परिस्थिति में मौत होने पर ग्रामीण और परिजनों ने खंडवा-वडोदरा स्टेट हाईवे पर चक्काजाम कर और धरना दिया। गुस्साए लोगों ने थाने का घेराव कर दिया और जमकर प्रदर्शन किया। घंटे तक हंगामा होता रहा। परिजनों का आरोप था कि पुलिस ने मारपीट की इससे व्यापारी की मौत हो गई है। उन्होंने कहा पुलिस कर्मियों के खिलाफ केस दर्ज किया जाए।
एडिशनल एसपी बारिया करेंगे जांच-
मामले में तूल पकड़ा तो एसपी धर्मराज मीणा ने भीकनगांव थाना इंचार्ज रामेश्वर ठाकुर सहित तीन पुलिस कर्मियों को लाइन अटैच कर दिया और मामले की पूरी जांच के लिए एडिशनल एसपी बारिया को जिम्मेदारी दे दी।
ये कहा एसपी धर्मराज मीणा ने-
एसपी धर्मराज मीणा का कहना है भीकनगांव में त्यौहार के चलते पुलिस टीम पेट्रोलिंग कर रही थी। पेट्रोलिंग करते हुए सूचना मिली कि एक व्यक्ति अपनी दुकान में अवैध रूप से शराब रखे हुए और पटाखे भी बेच रहा है। टीम ने वहां पहुंचकर चेकिंग की और पाया अवैध रूप से शराब रखी हुई थी और बड़ी मात्रा में पटाखे भी पाये गये। उन्हें समझे दी गई की इस तरह अवैध रूप से शराब बेचना और पटाखे रखना गलत है। इस पर उन्होंने कॉर्पोरेट नहीं किया। बाद में उक्त युवक को चक्कर आए और इस पर पुलिस ने मानवता दिखाते हुए युवक को अस्पताल ले गए। स्वयं थाना प्रभारी उनका इलाज करने के लिए दूसरी कार्रवाई रोककर अस्पताल ले गए थे। परिजनों की मांग है कि इस मामले की जांच की जाए इसके लिए हमने उन्हें आश्वासन दे दिया है। अगर कोई तकनीकी गलती हुई है तो उसे भी चेक कराया जाएगा।
मृतक के भाई ने कहा पुलिस टार्चर से मौत?
मृतक के भाई राजेश कुलते का कहना है मुझे जैसे पता चला कि पुलिस वाले आए हैं तो मैं वहां पहुंचा लेकिन मुझे उन्होंने कहा तुम बाहर निकल जाओ। तो मैं बाहर निकल गया 15-20 मिनट पता नहीं, इन्होंने क्या टॉर्चर किया। वो नीचे गिरा तो तो मैं अंदर जाने लगा तो मेरा हाथ पकड़ कर मुझे बाहर निकाल दिया। इसके बाद रगड़ के लाये और सरकारी गाड़ी में पटक कर अस्पताल ले गए।